हवाओं से बचाया जाएगा
नवीन माथुर पंचोली
अमझेरा धार म.प्र.
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हवाओं से बचाया जाएगा।
जहाँ दीपक जलाया जाएगा।
न होगा चाँद जब आसमाँ पर,
सितारों को जगाया जाएगा।
कभी इस बाग की सूरत बदलने,
बहारों को मनाया जाएगा।
जिसे है बात पर अपनी भरोसा,
उसे ही आज़माया जाएगा।
जहाँ दिख जाएगी मंजिल हमारी,
सफ़र उस हद बढ़ाया जाएगा।
वहाँ इस गीत की तारीफ़ होगी,
जहाँ ये गुनगुनाया जाएगा।
परिचय :- नवीन माथुर पंचोली
निवास - अमझेरा धार म.प्र.
सम्प्रति - शिक्षक
प्रकाशन - देश की विभिन्न पत्रिकाओं में गजलों का नियमित प्रकाशन, तीन ग़ज़ल सन्ग्रह प्रकाशित।
सम्मान - साहित्य गुंजन, शब्द प्रवाह, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिन्दी रक्षक २०२० राष्ट्रीय सम्मान
घोषणा पत्र : प्रमाणित किया जाता है कि रचना पूर्णतः मौलिक है।
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