बदलता परिवार
ललित शर्मा
खलिहामारी, डिब्रूगढ़ (असम)
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एक-एक सदस्य से
कहलाता परिवार
परिवार की सदस्यता
बिना, सुना संसार
कहीं भी रहे, कहीं भी बसे,
भुलाये भूल नहीं सकते,
परिवारजनों को,
अक्सर उनके
संग ही लगता है,
अपना प्यारा कितना
अनूठा है परिवार।।१।।
कभी किसी जमाने में
आन बान शान
में संयुक्त परिवार
एक जगह सोते
रहते खाते पीते
मिल-जुलकर हाथ बंटाते
सारे काम कर लेते आसान
दुःख सुख की नैया चलाने
लेते सबजन आपस
में हाथ थाम।।२।।
संयुक परिवार
की असली शक्ति
लुटाते उस परिवार
पर अपनी जान
बदलती दुनिया में
बदलते गए है विचार
कहीं भी देखो,
दिखलाई नहीं देता
खुशहाल संयुक्त परिवार,
युगपरिवर्तन में सब,
अब दीखता एकल परिवार।।३।।
परिवार से मिलती खुशियां
परिवार से मिलता प्यार
एकता का सूत्र बंधा रखता
भरापूरा स्नेहभरा परिवार।।४।।
परिचय :- ललित शर्मा
निवासी : खल...



















