तुम आगए
मनमोहन पालीवाल
कांकरोली, (राजस्थान)
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अब तुम आगए
सब रंग छागए
नज़र क्या उठी
दिल में समागए
होली के बहाने, वो
ओर करीब आगए
क्या बोछार हुई
गीत वो सुना गए
बेरंग जो लगते कल
आज हमें भीगा गए
खार से लदी राहे थी
आज हमें सजा गए
जीने के ढ़ंग निराले
मोहन गले लगा गए
परिचय :- मनमोहन पालीवाल
पिता : नारायण लालजी
जन्म : २७ मई १९६५
निवासी : कांकरोली, तह.- राजसमंद राजस्थान
सम्प्रति : प्राध्यापक
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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