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मैं हिंदुस्तान हूं!

संजू “गौरीश” पाठक
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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मैं हिंदुस्तान हूं यारों,
कहानी खुद सुनाता हूं।
पुराना है बड़ा इतिहास,
यह तुमको मैं बताता हूं।।

यहां हर धर्म जाति का,
उचित सम्मान होता है ।
हिमालय ताज है मेरा,
चरण सागर भी होता है।।

चले आए हूण, शक, तुर्क,
न थे मंगोल भी पीछे।
कुटिल अंग्रेज और मुगल भी
ना थे इनसे कहीं पीछे।।

विभाजित कर किया शासन,
चलायीं नीतियां अपनी।
सुनिश्चित हो गया था अब,
इन्हीं की रोटियां सिंकनी।।

सहे सब ज़ुल्म, अत्याचार,
हुयी फिर खत्म सहनशक्ति।
लगा शोणित उबलने फिर,
जाग उठी देशभक्ति।।

किया संघर्ष वीरों ने,
कफन फिर बांधकर सिर पर।
शहादत भी पड़ीं देनीं,
मुझे भी रक्तरंजित कर।।

किया दो सौ बरस शासन,
चले बुद्धू लौट घर को।
संभालो अब हिफाजत से,
शपथ है आज तुम सबको!!

परिचय :- संजू “गौरीश” पाठक
निवासी : इंदौर मध्य प्रदेश
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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