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नशा मुक्त हो देश हमारा

बिसे लाल
खड़गवां (छत्तीसगढ़)
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सुन मेरे भाई अब
समझ ले
बेहतर समझ ले,
नशा नाश की जड़ है
नशे से तन होता खराब
मन होता खराब।
नशे से जब
खराब होगी तेरी
जिंदगी तो
जिंदगी का बोझ
उठाने के लिए
दर-दर भटकेगा,
कोई नहीं देगा तेरा साथ
अकेले हो जाएगा इस जहां में।
नशे में पड़ कर तू घर बेचेगा
जमीन बेचेगा आखिर में
घर की थाली तक बेच देगा,
नशे से तुम्हारा
परिवार बिखर जाएगा।
नशे से तुम्हारी जिंदगी
अंधकारमय हो जाएगी
अपने आप को जिंदगी के
अंधेरों में आखिर में
खोजते रह जाओगे।
तुम्हारे साथ तुम्हारे दोस्त
सब आगे बढ़ जाएंगे,
नशा में पड़कर अपना
जीवन बर्बाद कर डालोग।
ऐ इंसान अपने
परिवार लिए जी
नशा छोड़ दे
अभी के अभी,
तू नशा छोड़ेगा
तेरा परिवार तुमको
फिर मिल जाएगा।
मान मेरा कहना
नहीं तो पछतायेगा,
सोने जैसे शरीर मिट्टी
सामान बन जाएगा।
आओ सब मिलकर
हम कोशिश करें,
हमारे आने वाली
पीढ़ी कुछ कर सके।
तो हम सब हम सब
मिलकर यह संकल्प लें,
नशा मुक्त भारत
हमारा देश बने।
हमारी सभ्यता हमारी
संस्कृति से नशे का
नामोनिशान मिट जाए,
हमारे राष्ट्र का कोई भी
परिवार नशा से
बर्बाद ना हो
हमेशा आबाद रहे।
हम सब संकल्प लें
ना खुद नशा करेंगे
ना दूसरों को करने देंगे।
नशा भारत छोड़ेगा
हमारा परिवार
टूटने से बचेगा।

परिचय :- बिसे लाल
सम्प्रति : सहायक शिक्षक शासकीय प्राथमिक शाला मेंड्रा विकासखंड खड़गवां
निवासी : खड़गवां जिला कोरिया (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

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