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त्रिभंगी छंद आधारित शिव स्तुति

अर्चना तिवारी “अभिलाषा”
रामबाग, (कानपुर)
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त्रिभंगी छंद आधारित शिव स्तुति


जय -जय शिव शंकर, प्रभु अभ्यंकर, नाथ महेश्वर, भंडारी।
हे जग अखिलेश्वर, प्रभु परमेश्वर, हे गिरिजेश्वर, त्रिपुरारी।।
यह मन है चंचल, होता विह्वल, घुलता पल-पल, माया में।
प्रभु पार लगाओ, दरश दिखाओ, मत भटकाओ, काया में।।


मद लोभ फँसी मैं, क्रोध धँसी मैं, विरह हँंसी मैं, हे भगवन्।
माया में अटकी, दर-दर भटकी, दुख में लटकी, हे त्रिभुवन।।
उर पीर बड़ी है , विकट घड़ी है, नीर झड़ी है, गिरिजेश्वर।
हे नाथ उबारो, संकट टारो, मुझे सम्हारो, अखिलेश्वर।।


रोते हैं नैना, उर बेचैना, पीड़ित बैना, प्रभु मेरे।
हूँ लाज गड़ी मैं, द्वार खड़ी मैं, शरण पड़ी मैं ,प्रभु तेरे।।
मम त्रास मिटाओ , हृदय लगाओ, अंक बिठाओ, हे दाता।
प्रभु विनती करती , नाम सुमिरती , धीरज धरती, जग त्राता।।


हे नाथ महेश्वर, हे शशिशेखर, हे गंगाधर, सुखपुंजा।
हे जग के पालक , दुख के नाशक , मंगलकारक शुभगुंजा।।
है संकट भारो, प्रभु दुख टारो, नमन स्वीकारो, जगदीश्वर।
अंतर्मन ध्याऊँ, ध्यान लगाऊँ, खुशी मनाऊँ, विश्वेश्वर।।

परिचय :-  अर्चना तिवारी “अभिलाषा”
पिता : स्वर्गीय जगन्नाथ प्रसाद बाजपेई
माता : श्रीमती रानी बाजपेयी
पति : श्री धर्मेंद्र तिवारी
जन्मतिथि : ४ जनवरी
शिक्षा : एम ए (राजनीति शास्त्र) बी लिब- राजर्षि टंडन ओपेन यूनिवर्सिटी-प्रयागराज
निवासी : रामबाग, (कानपुर)
अभिरुचि : आध्यात्मिक व साहित्यिक पुस्तकों का अध्ययन व लेखन
साहित्यिक उपलब्धियाँ : साहित्य संगम संस्थान द्वारा प्रकाशित एकल पुस्तक-काव्यमेध, साझा संग्रहों में रचनाएं प्रकाशित, मासिक ई पत्रिका में श्रेष्ठ सृजन हेतु कविताएं व आलेख प्रकाशित।
सम्मान : अम्रता प्रीतम कवियित्री सम्मान, नारी गौरव सम्मान २०२१, हिंदी प्रेरणा सम्मान, साहित्य मार्तंड सम्मान, साहित्य संगम सम्मान, जन चेतना सम्मान, शब्द साधक सम्मान, अलकनंदा सम्मान, साहित्य ज्योति सम्मान, छंद सम्राज्ञी सम्मान, काव्य सेतु सम्मान, आंचलिक साहित्यकार सम्मान, फणीश्वरनाथ रेणु सम्मान, हिंदी साहित्य गौरव सम्मान, दोहा विज्ञ सम्मान, साहित्य साधक सम्मान, दोहा धुरंधर सम्मान, दोहा सृजन सरोवर सम्मान, दोहा रचनाकार मंच तथा दोहा दर्पण द्वारा आयोजित दैनिक सृजन में श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान, वैश्विक हिंदी संस्थान ह्यूस्टन यू एस ए द्वारा आयोजित अंतराष्ट्रीय काव्य गोष्ठी मेरा भारत में कविता पाठ करने में प्रशस्ति-पत्र द्वारा सम्मानित। विभिन्न विषयों पर आधारित रचनाओं के लिये अनेकों ऑनलाइन दैनिक सर्वश्रेष्ठ रचनाकार सम्मान तथा मंचों द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में भी सम्मानजनक स्थान प्राप्त।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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