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कवच समान है पिता

माधवी तारे
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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बच्चे की माता गर है प्रथम शिक्षिका
तो कवच समान है पिता भी उसी का
तभी तो नाम के आगे उसके
जुड़ा ही रहता है नाम पिता का ll१ll

माता होती गर धरती उसकी
पिता होता आकाश उसी का
संस्कार यद्यपि देती माता
संघर्ष उसे पिता सिखाता ll२ll

कभी आग का गोला बनता
श्रीफल-सा कभी कोमल लगता
संवेदनाओं के बंधन बांधे
होता रिश्ता पिता-पुत्र का ll३ll

उंगली पकड़कर उसे पिता
बाहरी दुनिया परिचित कराता
प्रसंग विशेषी सख्त और
कठोर बनने की सीख ही देता ll४ll

तपा-तपा कर कुंदन जैसा
पिता स्वयं प्रकाशी उसे बनाता
अपने से भी आगे निकलता
पुत्र देखने की ख्वाहिश रखता ll५ll

परिचय :- माधवी तारे
निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश)


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