पित्तर
परमानंद सिवना "परमा"
बलौद (छत्तीसगढ)
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जियत ले दाई ददा
ला पानी बर तरसाये,
मरे मा पित्तर मनावत हस,
बरा सुहारी खुरमी बनाके,
काउआ ला तै खिलावत हस !
वा रे जमाना ते काउआ
ला ददा बनावत हस !
जनमदिस परवरिश करिस
तेला ते बुल जावत हस,
जइसे करबे वइसे पाबे
यही कहानी बनावत हस !
वा रे जमाना ते काउआ
ला ददा बनावत हस !
जियत ले ते रोज लडे,
काली अइस ते बाई के
चक्कर मा आये,
दाई ददा के खाना पीना ला
बंद कराय पापी में
तुहु अब गिन्ती आये !
जियत ले खाये बर
तरसाय मरे मा गांव
गांव ला नेवता देवत हस,
वोकरे धन संपत्ति ला रख के
होशियारी देखावत हस.!
वा रे जमाना ते काउआ
ला ददा बनावत हस.!
परिचय :- परमानंद सिवना "परमा"
निवासी : मडियाकट्टा डौन्डी लोहारा जिला- बालोद (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्...






















