शिव-गौरी विवाह
ज्ञानेन्द्र पाण्डेय "अवधी-मधुरस"
अमेठी (उत्तर प्रदेश)
********************
बूढ़े बैल असवार,
आये हिमगिरि के द्वार,
ब्याहन गौरी सरकार,
भोले भंडारी।।
गल माहीं लिपटा है विषधर
माथे बाल विधू है सुंदर
डमरू संग हांथ तिरसूला
नीलकंठ गंगाधर शंकर
छाती नर मुंडन कै हार,
बिछुआ कनवा झूलनदार
है अद्भुत रूप सिंगार भोले भंडारी....
दीखैं रंग रंग बाराती
कोऊ मोटा ताजा माती
बिन मुख हांथ पाँउ बा केऊ
केउतउ बहु अंगन जामाती
कूकुर सुअर सियार,
गदहा मुखन आकार,
नाहीं इनकै है संभार भोले भंडारी....
नाचत भूतन सँगे परेता
डाकिनी शाकिनी समेता
जोगिनी संगती भिड़ावैं
ढ़ोलक पिशाचिनी जमेता
बैठी सकल जिंवार,
रही बरातिन निहार,
खोले सजरा हजार भोले भंडारी....
चहुँमुख बजे हैं नगाड़े
ब्रह्मा विष्नु हैं पधारे
सगरे देवा हैं पहुँचे
राजा हिमाँचली द्वारे
लखिके दमदा लीलार,
मैंना पीटैं कापार,
विधिन...