आजादी अमृत महोत्सव
विजय गुप्ता
दुर्ग (छत्तीसगढ़)
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सिर्फ एक कृत्य देशभक्ति का परिचायक कैसे हो
मित्र मतलब बस साथ भ्रमण का याचक कैसे हो
जिन लोगों का आजादी में निज जीवन कुर्बान है
सीमा रक्षा में लड़ते हर शहीद में देश का प्राण है
देश संपत्ति रक्षा वाली सोच नागरिकों की शान है
छात्रों और युवाओं को नैतिकता पाठ दिनमान है
आजादी अमृत महोत्सव भारत का स्वाभिमान है
सच्चे देशभक्तों को विभिन्न अर्थ कर्म का ज्ञान है
लोकतंत्र व्यापकता में निज स्वार्थ चलन कैसे हो
देशभक्त की परिभाषा सिर्फ एक शब्द में कैसे हो।
मित्र मतलब बस साथ भ्रमण का याचक कैसे हो।
सिर्फ एक कृत्य देशभक्ति का परिचायक कैसे हो।
इतिहास गवाह है जब जब बजा तानाशाही तबला
बर्बाद चकनाचूर था परिवार समाज देश का गमला
एक भवन बनाने मेहनत का पर्याय बनाती कमला
त्राहि त्राहि दशा में सड़क पे आ जाती नारी अबला
बड़ी बीमारी से ...