नवरात्रि और नारी
उत्कर्ष सोनबोइर
खुर्सीपार भिलाई
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नारी जिससे देवता भी हारे
काली जिससे स्वयं शंभु हारे
द्रौपदी जिससे पांडव कौरव हारे
वो स्वयं किल्ला कंकालिन
तो आदि दुरगहीन माँ चण्डिका है
कभी नरसिंह अवतार की भगिनी
रतनपुर की माँ महामाया है
राजा कामदल की आशापुरा
वो डोंगरगढ़ बमलाई है
वो बाबा बर्फानी की आरध्या
नंदगहिन माँ पाताल भैरवी है
वो बस्तर की माई महतारी
देवी दंतेश्वरी शक्ति स्वरूपा है
कोरबा की मंगल धारणी
सर्वमंगला देवी स्वरूप है
वो झलमाल गंगा मइया जैसे शीतल
गांव-गांव की शीतला महारानी है।
दुर्गम राक्षस मर्दानी देवी दुर्गा
चण्ड मुण्ड संघारणी महिसासुरमर्दिनि है
शशि शीश धारणी, त्रिनेत्र शोभनी
वो त्रि देव पूजनीय माँ शक्ति है
नारी है वो जग अवतारी
वो सृष्टि की महतारी है।
जिससे रावण, पांडव, राम,
कृष्ण, विष्णु, स्वयं शंभु भी हारे है
वो नारी है जिससे देवता...























