सितारों से आगे …
होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा
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मचा हुआ जहां अति शोर भी है,
रात कभी बीतती होती भोर भी है,
पतंग जब उड़ती साथ डोर भी है,
सितारों से आगे जहां और भी हैं।
हिम्मत जिसमें होती आसमां तोड़े,
निठल्ले उड़ाते रहते हैं कागजी घोड़े,
इंसान वो जो काम से थकता थोड़े,
देव वो है जो कष्ट में मुख ना मोड़े।
झुक जाता है आसमान जो झुकाता,
छुपता नहीं झूठ बेशक लाख छुपता,
महान है जो हँसकर समय बीताता,
राक्षसी लोगों से संत इज्जत बचाता।
कभी अपनों पर भरोसा अधिक नहीं,
चलते चलते मिल जाये प्रभु भी कहीं,
दर्द होता है दिल से आंसू भी हैं बही,
शुभ कर्म करते रहो मिलता दूध दही।
हिम्मत जिसमें हो तो किनारा मिलता,
पतझड़ जब गुजर जाये फूल खिलता,
बिछुड़ा हो अगर एक दिन है मिलता,
पवन के झोंके जब चले पर्वत हिलता।
सांझ बीत जाये तब सवेरा भी आएगा,
बल दिल में हो तो सुबह भी आयेगा,
करने की तमन्ना हो तो, जरूर पाए...























