दोस्त कुंदन बन जाता है
अनुराधा प्रियदर्शिनी
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
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दोस्त दिल में रहता है बिना शर्तों के आता है।
खुशी हो या गम के पल हमेशा साथ रहता है।
हमारे हर कदम पर साथ-साथ चलता जाता।
हमारी मुस्कुराहट में भी आँसू खोज लेता है।।
दोस्ती ही वो रिश्ता जिसमें कोई बंधन नहीं है।
खून का नाता नहीं उससे बढ़कर दोस्त होता है।
दोस्त ही है वो जिसको हम खुद से ही चुनते ।
दोस्त के लिए दोस्त ही तो सबकुछ लुटाता है।।
दोस्त के लिए तो जान भी कुर्बान कर देते हैं।
अपनी दोस्ती की मिसाल कायम कर जाते हैं।
कृष्ण और सुदामा की दोस्ती आज भी मिसाल।
दोस्ती में कभी दगाबाजी नहीं किया करते हैं।
दोस्ती में कभीं गरीबी और अमीरी नहीं होती है।
दोस्त का दिल खरे सोने सा चमकता रहता है।
इसकी चमक को तुम कभी कम न होने देना।
वक्त की आग में तपा दोस्त कुंदन बन जाता है।।
परिचय :- अनुराधा प्रियदर्शि...

























