वो यादें
सुप्रिया चतुर्वेदी
रायपुर (छत्तीसगढ़)
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वो यादें बचपन की,
उस आंगन मे थी।
जहां मेरा जीवन का,
एक हिस्सा बीता था।
वो हसना मेरा,
वो रोना मेरा।
सब उसकी दीवारों में,
एक तस्वीर के
फ्रेम जैसे सजा था।
वो चार दिवारों का
कमरा नही,
मेरी यादें से सजा हुआ
मेरा घर था।
वो यादें बचपन की,
उस आंगन मे थी।
जहां मेरा जीवन का,
एक हिस्सा बीता था।
परिचय :- सुप्रिया चतुर्वेदी
निवासी : रायपुर छत्तीसगढ़
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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