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याद मेरी उसने जब

सुखप्रीत सिंह “सुखी”
शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश)

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१)
याद मेरी उसने जब भी दिल में पिरोई होगी
दिन की तो बात ही नहीं रातों में न सोई होगी
वो लिहाफ भी गवाह होगा उसकी बेबसी का
जब दबा कर चेहरा अपना तकिये से रोई होगी
२)
जितना खूबसूरत तेरा इंतज़ार है
उतना ही खूबसूरत मेरा प्यार है
बहारें तो है हर तरफ फिज़ाओं में
बहारों से भी खूबसूरत मेरा यार है
३)
मेरे दिल में प्यार का पैगाम रहने दो
उसके ख्यालों की हंसी शाम रहने दो
दवा जिंदगी की मुझे और मत दो यारों
मेरे हाथों में छलकता जा़म रहने दो
४)
जिंदगी फिर क्यों अजीब सी लगती है
किसी अजनबी के करीब सी लगती है
अमीर तो बहुत हूं दिल-ऐ-दरबार से मैं
फिर क्यों तेरे बिना गरीब सी लगती है

परिचय :-  सुखप्रीत सिंह “सुखी”
निवासी : शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।

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