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“गणित ज्ञान को गाइये” में है सरलता

संजय वर्मा “दॄष्टि”
मनावर (धार)

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डॉ  दशरथ मसानिया का संग्रह “गणित ज्ञान को गाइये” शिक्षा की हर बात  की गहरी पड़ताल की जाकर बेहतर तरीके से  अपनी  वैचारिक गणित की रोचकता को सरलता प्रदान की जाकर भावनाएं व्यक्त की है। वर्षो से साहित्य की पूजा करते आ रही डॉ दशरथ मसानिया ने ज्यादातर चालीसा के जरिए के ताने बानों को प्रेरणा स्वरुप ढाला है । समय-समय पर तमाम हो रहे परिवर्तनों पर प्रत्यक्ष गवाह बन के उभर रहे हो | गणित ज्ञान को गाइये की विशेषता है कि वो मन को छूता है और पठनीयता की आकर्षणता में बांधे रखता है | डॉ मसानिया के ह्रदय अनुभव ख़जाने में श्रेष्ठ विचार का भंडार समाहित है जो समय-समय पर हमे ज्ञानार्जन में वृद्धि कराता आया है ।इनको कई पुरस्कार एवं निजी चैनल पर इंटरव्यू शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर समझाइस की विधि के लिए प्राप्त हो चुके का प्रसारण समय समय पर जारी है। लेखन की शैली संग्रहणीय तो है ही साथ ही स्तरीयता के मुकाम हासिल भी करती जा रही है । जो की लेखक की लेखनीय परिपक्वता को प्रतिबिंबित करता है ।
एक ओर जहाँ गणित को कठिन विषय मानकर छात्रों में भय व्याप्त है वहीं दूसरी ओर आगर मालवा के नवाचारी शिक्षक डाॅ दशरथ मसानिया ने इसे कविताओं में बांधकर सरल,रुचिकर और ग्राह्य बना दिया है जिसे संगीत मे भी गाकर जोड़ा जा रहा है।
सर्व प्रथम रामानुजम् जयंती पर १२/१२/११ को २५ दोहों का प्रकाशन हुआ । फिर अप्रैल २०१२ को मासिक बाल पत्रिका देवपुत्र ने प्रकाशित कर देश भर में  जन जन तक पहुँचाया ।
फिर बाद में इस शोध नवाचार का विस्तार होता गया , विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में और सोशल मीडिया मे भी स्थान पाने लगा । गूगल,फेसबुक,यू ट्यूब आदि मे भी देखा जा सकता है ।
 ‘गणित ज्ञान को गाइये’ पुस्तिका के रुप मे शिक्षा जगत में लोकप्रिय होता जा रहा है , जिसके तीन संस्करण प्रकाशित हो चुके है ।मजेदार और दिलचस्प बात यह है कि इसे देश भर मे शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए स्कूलों की दीवारों पर लिखा जाने लगा है जिसे छात्रों मे मनोरंजन के रुप में गाया जा रहा है। खेल खेल में सीखने की नयी विधि है। बीच मे संख्या ज्ञान तथा पहाड़े की विशेष टेबल भी है।
पुस्तिका को नौ शीर्षकों मे रखा गया है-
१ – गणित चालीसा (तीन दोहे और ४० चौपाई)
२ – अवधारणायें ( १२ दोहे )
३ – परिभाषाये  (१० दोहे)
४ – गणित के सूत्र (११ दोहे)
५ – संख्या विभाजन के नियम (५ दोहे) तथा टेबल
६ – १ से १०० पहाड़े लिखने की ५  विधियाँ तथा टेबल (६ दोहे)
७ – संख्या ज्ञान तथा टेबल (६ दोहे)
८ – गणित के रोचक फंडे (७ दोहे)
९ -गणितज्ञों के सचित्र नाम (६ दोहे )
अतः संक्षेप मे कहा जा सकता है कि  डाॅ मसानिया कृत इस शोध नवाचार का लाभ देश के  सभी शिक्षकों तथा छात्रों तक पहुँचाया जाना चाहिए । शासन को इसे छात्र हित मे पाठ्यपुस्तकों में भी शामिल करना चाहिए ।रचनाकार को पुनः हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं ।
यह संग्रह निसन्देह शिक्षा जगत में अपने परचम लहराएगा । बोद्धिकता के पहलुओं की पहचान कराने में यादगार सिद्ध अवश्य होगा ।
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परिचय :- नाम :- संजय वर्मा “दॄष्टि” पिता :- श्री शांतीलालजी वर्मा
जन्म तिथि :- २ – मई -१९६२ (उज्जैन )
शिक्षा :- आय टी आय
व्यवसाय :- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग )
प्रकाशन :- देश – विदेश की विभिन्न पत्र – पत्रिकाओं में रचनाएँ व समाचार पत्रों में निरंतर पत्र और रचनाओं का प्रकाशन, प्रकाशित काव्य कृति “दरवाजे पर दस्तक “, खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के ६५ रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान – २०१५ , अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित
संस्थाओं से सम्बद्धता :- शब्दप्रवाह उज्जैन, यशधारा – धार, मगसम दिल्ली,
काव्य पाठ :- काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ, शगुन काव्य मंच

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