प्रकाश का महापर्व
अमिता मराठे
इंदौर (मध्य प्रदेश)
********************
धन त्रयोदशी से पांच दिन दीपावली महापर्व आरम्भ होता है। इस पर्व का साल भर बेसब्री से इंतजार होता है। ये सनातन धर्म का महा उत्सव है। रूप चौदस, महालक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा से होते हुए पांचवें दिन भाई दूज पर पूरा होता है। लेकिन उसका आनन्द मन में तुलसी विवाह तक बना रहता है। भारतीय संस्कृति में इस त्यौहार की महत्ता बहुत अधिक है। यही जीवन का सर्वोच्च आनन्द बिंदु है। खुशी, विजय, उल्लास, सामाजिक जुड़ाव और उजास के इस पर्व में प्रेम, स्नेह से मिलन समारोह मनाये जाते हैं। अनेक वर्षों के मन मुटाव भी मीट जाते हैं। भाई-बहन का अटूट प्रेम का प्रतीक भाई दूज पर्व पांच दिन की खुशियां बटोरकर झोली में डाल देता है।
बीते दो वर्षों में इस पर्व पर कोरोना रुपी दानव का साया छाया हुआ था। इस संक्रमण के रोग के कारण हम इस उजास के पर्व को उत्साह से नहीं मना पाये ...