शहीदों की वीरगाथा
महेन्द्र सिंह कटारिया 'विजेता'
सीकर, (राजस्थान)
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चौदह फरवरी दो हजार उन्नीस का दिन,
कभी विस्मृति वश भी भूल ना पाएंगे।
पुलवामा में हुए शहीदों की वीरगाथा,
कर नमन हम आज फिर से दोहराएंगे।...
जम्मू से अठत्तर वाहनों में हो सवार,
निकला था सुरक्षाकर्मियों काफ़िला।
बीच राह अवन्तिपोरा के निकट हुआ,
लेथपोरा इलाके में आत्मघाती वाकया।
अपराधी जैश-ए-मौहम्मद के कायराना,
मनसूबों से चालीस जवानों का लहू बहा।
कर्त्तव्य पथ पर मां भारती के वीरों की,
शहादत का हम भारतीयों ने जो दर्द सहा।
वीर योद्धाओं के शौर्य साहस पराक्रम को,
कर सलाम आज अपना शीश झुकाएंगे।...
है नाज़ सदा उन जांबाज वीरों पर जो
वतन से मोहब्बत इस कदर निभा गए।
इस जहान आज मोहब्बत के दिन जो,
निज वतन पर जान अपनी लुटा गए।
राष्ट्र रक्षा में प्राणोत्सर्ग करने वालों के लिए,
भारतीय युवा मिलकर प्रण ले...