वृक्ष कल्याण… जीवन महान
धर्मेन्द्र कुमार श्रवण साहू
बालोद (छत्तीसगढ़)
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वृक्ष दवा है, वृक्ष दुआ है, वृक्षों से हैं जीवन।
वृक्ष साँस है, वृक्ष आस है, वृक्षों से हैं सावन।।
वृक्ष सबेरा, वृक्ष बसेरा, वृक्षों से हैं साधन।
वृक्ष फल है, वृक्ष फसल है, वृक्षों से हैं कानन।।
वृक्ष जलद है, वृक्ष जलज है, वृक्ष बिना है सुनापन।
वृक्षों से वायु, वृक्षों से आयु, वृक्षों से हैं अपनापन।।
वृक्ष हरापन, वृक्ष भरापन, वृक्षों से हैं मधुबन।
वृक्ष सुहावन, वृक्ष मनभावन, वृक्षों से हैं हर्षित मन।।
वृक्ष महान है, वृक्ष जहान है, वृक्षों से हैं कल्याण।
वृक्ष दान है, वृक्ष खान है, वृक्षों से हैं भगवान।।
वृक्ष मनन है, वृक्ष चिंतन है, वृक्षों से हैं ये ज्ञान।।
वृक्ष तन है, वृक्ष मन है, वृक्षों से हैं ये ध्यान।।
वृक्ष नमन है, वृक्ष सुमन है, वृक्षों से हैं ये भजन।
वृक्ष आज है, वृक्ष काज है, वृक...