नीयत
राजेन्द्र लाहिरी
पामगढ़ (छत्तीसगढ़)
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संविधान दिवस आया तो
जिम्मेदार लोग दो चार शब्द बोलेंगे,
एक जगह कार्यक्रम होगा
अतिथि को फूल मालाओं से तोलेंगे,
ऐसे समारोहों में सत्तारूढ़
सिर्फ कार्यक्रम कराएंगे,
संविधान के बारे में किसी को भी
न कुछ सिखाएंगे न पढ़ाएंगे,
हक़ अधिकार की बातें
हमें खुद जानना होगा,
एक एक अनुच्छेद छानना होगा,
उनकी नीयत शुरू से खराब है,
उनका अलग ख्वाब है,
वो लोगों को अंधविश्वास
और पाखंड के साये में
हरदम रखना चाहते हैं,
संविधान की शिक्षा न देकर
पीढ़ी दर पीढ़ी सत्ता का सुख
चखना चाहते हैं,
गलती उनकी नहीं,
पर संविधान की शिक्षा
हम अपने लोगों को दे सकते हैं,
पर क्या सही नीयत से
हमने प्रयास किये हैं?
कुछ लोग संविधान
मिटाने की बात करते हैं,
मिथकीय राज
लाने की बात करते हैं,
उन्हें बताना होगा कि
संविधान मिटाना
इतना आसान नहीं ह...