किस्मत वाले है वो
संजय जैन
मुंबई (महाराष्ट्र)
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(तर्ज : तू कितनी अच्छी है....)
तुम कितने अच्छे हो
तुम कितने सच्चे हो।
नियम-सयंम के पक्के हो।
ओ गुरुवर ओ विद्यासागर
ओ गुरुवर ओ विद्यासागर।
की ये जो संसार है
बन है कांटो का
तुम फुलवारी हो।
ओ विद्यासागर ओ गुरुवर
ओ विद्यासागर ओ गुरुवर।।
छाले पड़ गये तेरे पैरो में
चलते चलते इस दुनियां में
धर्म की ज्योत जलाने को।
आत्म कल्याण के लिए
तुमने छोड़ा घर द्वार।
ओ गुरुवर ओ विद्यासागर
ओ गुरुवर ओ विद्यासागर।।
तुम कितने अच्छे हो
तुम कितने सच्चे हो।
नियम सयंम के पक्के हो।
ओ गुरुवर ओ विद्यासागर
ओ गुरुवर ओ विद्यासागर।।
अपना नहीं तुम्हें
सुख दुख कोई
पर औरो की
चिंता तुमने की।
श्रावको के मन में
ज्योत जलाई
जैसा वो समझे वैसा ही
उन्हें समझाया।।
ओ विद्यासागर ओ गुरुवर
ओ विद्यासागर ओ गुरुवर।।
गुरु श्रवको के जा होते है
वो ह...