इतिहास गाथा
कुंदन पांडेय
रीवा (मध्य प्रदेश)
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है रही सुसज्जित ये धानी
प्राचीन काल में वैभव से
है पत्थर पर अभिलेख यहां
पाषाण काल के उद्भव से
सुनकर इस गौरव गाथा को
अपने अतीत का मान करो
जो इतिहासो के पन्नों में
तुम कथा वही अविराम कहो।
सोलंकी राज धवल के सुत
गुजरात राज्य से थे आए
जिनके कारण यह राज्य बना
जो व्याघ्र देव थे कहलाए
हो चंद्रवंश या सूर्यवंश
या शीतल तपिश हि नाम कहो
जो इतिहासो के पन्नों में
तुम कथा वहीं अविराम कहो
हो सारनाथ का वह वैभव
सांची की अमर निशानी हो
गौतम का हो उपदेश यहां
चाहे संतों की वाणी हो
जो क्रूर हृदय कोमल कर दे
ऐसे जातक सरेआम कहो
जो इतिहासो के पन्नों में
तुम कथा वही अविराम कहो
है धन्य धरा इस भारत की
और धन्य हमारी माटी है
हर पग में है संस्कार यहां
यहां संस्कृत की परिपाटी है
हर कला सुसज्जित पत्थर में
चाहे खजु...